कहा जाता है कि कि अगर किसी इंसान की मौत नजदीक हो तो उसे कुछ दिन पहले ही यह आभाष हो जाता है की अब मेरी जिंदगी खत्म होने वाली है | ठीक उसी तरह यह भी कहा जाता है कई यौनियों मे जन्म और मौत के चक्र को पूरा होने बाद इंसानी रूप मिलता है |
मुस्लिम इस्लाम से मरने के बाद क्या होता है ?
इस्लाम धर्म से मानव जीवन मौज मस्ती के लिए नहीं मिली है बल्कि यह जीवन इबादत [ भगवान पूजा ] के लिए मिली हुई है | इस्लाम मे साफ बताया गया है अल्लाह या भगवान स्वय प्रत्यक्ष इंसान को दर्शन [ सामने न आना ] नहीं दे सकते है इसलिए समय समय पर फरिश्तों [ भगवान का रूप ] को भेजा गया है और इनके द्वारा उपदेश दिए कि दुनिया एक बुलबुला है इसके मौह माया मे न पढे असल जिंदगी मरने के बाद शुरू होगी इसलिए अपने आखिरत को देखो और मरने के बाद क्या होगा वह सोचो | जब तुम यह सोचेगे तो खुद ही मौज मस्ती छोड़ भगवान की इबादत या पूजा मे लग जाओगे |
इस्लाम के अनुसार मरने के बाद क्या होगा ??
यह एक ऐसा सवाल है जो इन्सानो को बहुत ही परेशान करता है आप किसी भी धर्म मे देखे तो सभी धर्म मे यही यकीन दिलाया गया है की मौत के बाद भी जिंदगी है लेकिन जो धर्म से प्रेय है उनका मानना है कि मौत के बाद इंसानी जिस्म सड़ गल जाती है तो दूसरे जिंदगी का कोई सवाल ही नहीं है |
इस्लाम कुरान हमे यकीन दिलाता है कि मौत के बाद भी जिंदगी है और एक फैसले का दिन तह [ तारीख fix है जिसे कयामत का दिन भी कहा जाता है ] है | इस दिन हर एक सख्स के अच्छे और बुरे काम देखे जाएँगे जो भी शख्स नेक काम इस दुनिया मे किया होगा उसे जन्नत मे डाल दिया जाएगा और बुरे काम करने वालो को जहन्नुम मे फेक दिया जाएगा |
जन्नत और जहन्नुम कैसा होगा ???
इसके बारे मे हम लोगो के द्वारा कोई कल्पना नहीं की जा सकती क्योकि इस दुनिया से मौत की दुनिया पूरी तरह अलग होगी | आप इसे इस तरह समझ सकते है - यहा की आग लाल या सफ़ेद होती है लेकिन जहन्नुम की आग काले रंग मे होगी | हम बस यह कह सकते है कि जन्नत इंसानी सोच से ज्यादा अच्छा बेहतर होगा और जहन्नुम इंसान से ज्यादा बदतर खराब होगा |
इस्लाम के अनुसार मरने के बाद आखिरी फ़ैसला
इस्लाम के अनुसार कयामत के दिन [ मैदाने हस्र ] अच्छे और बुरे लोगो के कर्मो का फ़ैसला किया जाएगा साथ ही जहन्नुम को मैदाने हश्र की तरफ लाया जाएगा साथ ही जन्नमुम पर एक पुल बना या कायम रहेगा | पुल का नाम पूले सिरात है | इस पुल के ऊपर से हर एक इंसान को गुजरना होगा और साथ मे यह भी भी बताया गया है कि इस पुल को केवल अच्छे कर्म वाले लोग ही पार कर जन्नत मे दाखिल हो जाएँगे और बुरे कर्म के लोग पुल से नीचे गिर जहन्नुम की आग से घिर जाएँगे |
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मेरा नाम बिना अग्रवाल है मैं एक हिन्दू परिवार मे जन्मी हु पर मुझे इस्लाम धर्म बहुत ही पसंद है | जैसा इस्लाम के बारे मे गलत बाते काही जाती है पहले मे भी वैसा सोचती थी लेकिन जब मीने इस्लाम धर्म के बारे स्टडी की तो मुझे इस्लाम धर्म और धर्मो से कई गुना अच्छा लगा | इस्लाम मे एसी बाते लिखी हुई है जो इस्लाम धरम को सबसे अच्छा बनाता है | अब मैं खुद इस्लाम को मानती हो और मैं इस्लाम धर्म मे कन्वर्ट होना भी चाहती हु पर मेरी मजबूरी है मेरा परिवार | क्या मैं इस्लाम मे आ सकती हु और अगर तो कैसे ???
ReplyDeleteJi bilkul qyuki islam saccha dharm hai.. Bahen call me mai apko Islamic jankRi de kr help krunga 8188880826
ReplyDeleteबीना जी पहले आप "गीता" पड़ें.
ReplyDeleteसारा वहम दूर होजाएगा.
aap kaleem ahmed siddiqui sb se contact karen vo bhut pahunche huye yogi purush hain. vo phulat (khatauli) dist. Muzaffarnagar men rehte hain. 9413844624
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